Input Device क्या हैं? Types of Input Devices in Hindi
Input Device क्या हैं?
Input Device वे Device होते हैं जिसकी सहायता हम अपने data या information को computer में input करने का कार्य कर सकते हैं। Input Device एक प्रकार से Electronic Device होता हैं।यह एक प्रकार से सीधे सीधे CPU में नही बानी होती है और इन्हें अलग से CPU से connect किया जाता है इसलिए इन्हें Peripheral Input Device भी कहते हैं। जब हमें System को निर्देंश देना होता हैं तो वह Input के माध्यम से ही संभव होता हैं।
Computer में बहुत से Input Device होते हैं ये Device Computer के मस्तिष्क अर्थात CPU को निर्देश देती है कि उसे क्या करना है ? Input Device के रूप में उपलब्ध है तथा सभी के विशेष प्रकार के उद्देश्य होता है अर्थात सभी अलग-अलग इनपुट डिवाइस की अलग अलग विशेषता होती हैं। जैसे Typing के लिए हमारे पास Keyboard होता है जो हमारे निर्देश को Type करते हैं उसी Pointing के Mouse का उपयोग ज्यादा किया जाता है। Input Device को मुख्य निम्न प्रकार से Category में विभाजित किया जाता है:
Input Device in Hindi:
Types of Input Devices (इनपुट डिवाइस के प्रकार):
- Typing Input Device: keyboard
- Pointing Input Device: mouse, trackball, joystick, light pen, touch screen, digitizing tablet.
- Scanning Input Device: image scanner, OCR, MICR, OMR, BCR
- Audio Visual Input Device: microphone, digital camera
Typing Input Devices क्या हैं?
Typing इनपुट डिवाइस वे Input Device होते हैं जिनकी सहायता से Text, Characters, Numbers आदि को Input किया जाता हैं Typing Input Device कहलाते हैं। इसके अंतर्गत Key-board आता है जो बहुत ही प्रचलित एवं अनिवार्य Input Device है।
(1). Keyboard
Key-board एक प्रकार से typing input device और साथ ही साथ standard इनपुट डिवाइस है जिसका उपयोग Computer में डाटा इनपुट करने के लिए किया जाता हैं। इसमें टाइप करने के लिए कई keys बनी होती है, जिनमें से कुछ पर एक तथा अन्य पर दो अक्षर (character) बने होते है। जैसे अंग्रेजी वर्णमाला के 26 अक्षर, 0 से लेकर 9 तक के अंक तथा गणित के +,- आदि। Key-board के जिस कि को दबाया जाता है Computer की मेमोरी में चला जाता हैं। साथ ही Monitor Screen पर प्रदर्शित होता हैं। इस प्रकार हम Screen देखकर इनपुट डाटा की जांच कर सकते हैं।
Key-board को इस प्रकार design किया गया है कि इसकी सहायता से Text और Character को इनपुट किया जा सकता है। जो Typewriter के की-बोर्ड की भांति होता है। यह एक प्रकार से प्लास्टिक का आयताकार बॉक्स होती है जिसमे प्लास्टिक के बहुत से keys बने होते हैं। अलग-अलग Key-board में keys की संख्या भी अलग-अलग होती है। Window Key-board में 104 keys होते हैं। Key-board में कई प्रकार की कुंजियाँ(keys) होती है जैसे- अक्षर(Alphabet), नंबर(Number), चिन्ह(Symbol), फंक्शन की(Function key), एरो की(Arrow key) व कुछ विशेष प्रकार की keys भी होती है।
हम Key-board की संरचना को देखते हुए उस आधार पर इसकी कुंजियों को छः भागो में बाँट सकते हैं-
- Alphanumeric keys: Alphanumeric keys की-बोर्ड के केंद्र में मौजूद होती है। Alphanumeric keys में Alphabets(A-Z), Number(0-9), Symbols (@, %, $, #, *, &, !, =<) होते हैं। इस खंड में अंको, चिन्हों, तथा वर्णमाला के अतिरिक्त चार keys- Tab, Caps, Backspace तथा Enter कुछ विशेष प्रकार के कार्यो के लिए होती है।
- Numeric keypad: न्यूमेरिक की-पैड(Numeric keypad) में लगभग 17 keys होती है। जिनको 0-9 तक के अंक, गणितीय ऑपरेटर(Mathematics operators) जैसे – +, *, /, – तथा Enter key होती है।
- Function keys: बोर्ड के सबसे ऊपर 12 function keys होती है। जो F1, F2, F3…….F12 तक होती है। ये keys विशेष कार्यो के लिए बनी होती है। इन keys के कार्य Software के अनुरूप बदलते रहते हैं।
- Cursor keys: ये चार प्रकार की keys होती है UP, DOWN, LEFT, तथा RIGHT इनका प्रयोग cursor को screen पर चार दिशा में move कराया जा सकता हैै।
- Modifier keys: इसमें तीन keys होती है जिनके नाम SHIFT, ALT, CTRL है। इनको अकेला दबाने पर कोई खास प्रयोग नही होता है, परन्तु जब अन्य किसी key के साथ इनका प्रयोग होता है तो ये उन keys के input को बदल देती है इसलिए ये modified key कहलाती है।
- Special Purpose keys: ये keys कुछ विशेष कार्यो को करने के लिए प्रयोग की जाती है। जैसे- Sleep, Power, volume, Start Shortcut, Esc, Tab, Insert, Home, End, Delete इत्यादि। ये keys नए operating system के कुछ विशेष कार्यो के अनुरूप होती है।
Pointing Input Devices क्या हैं?
इस प्रकार के Input Device जिनकी सहायता से screen पर किसी विकल्प को चुनने के लिए प्रयोग किये जाते हैं Pointing Input Device कहलाते हैं। अगर चाहे तो हम विकल्प को चुनने के लिए key-board shortcut का भी प्रयोग कर सकते हैं लेकिन अगर यह कार्य किसी Pointing Device से करने से अपना कार्य और भी आसान हो जाता है। Pointing Device निम्न लिखित प्रकार के होते हैं:
(1). Mouse
- Mechanical
- Optical
- Optomechanical
Optical माउस में laser का उपयोग किया जाता है जिसमे एक optical sensor लगा होता है जो mouse के movement को detect करने का कार्य करता है।
Optomechanical mouse में mechanical mouse और optical mouse दोनों के संयोग होता है जिसमे ball का उपयोग तो होता है परंतु उसके movement को optical माध्यम से ग्रहण किया जाता है।
Mouse के निम्नलिखित कार्य होते है:
- Clicking: किसी object जैसे- File, Folder, Option को select करने के लिए किया जाता है।
- Double Clicking: किसी Object को open या Run करने के लिए किया जाता है।
- Right Clicking: किसी Object से संबंधित Options को देखने के लिए किया जाता है।
- Drag & Drop: कोसी Object को एक स्थान से उठाकर दूसरे स्थान पर लेजाने के लिए किया जाता है।
- Scrolling: वर्तमान में खुले हुए Document के pages को ऊपर-नीचे खिसकाने के लिए किया जाता है।
(2) Trackball
Track ball उल्टे माउस की तरह होती है, जिसमे ऊपर की तरफ अत्यंत चिकनी ball होती है जिसे चारो तरफ घूम सकते हैं। पूर्व में Track ball का उपयोग laptop के लिए mouse के स्थान पर किया जाता था पर वर्तमान में इसका उपयोग बच्चे game खेलने में करते हैं। इसमे एक उभरी हुई गेंदे की भाती होती है तथा कुछ button होते हैं जिनसे कार्य करना होता है।
समान्यतः पकड़ते समय गेंद पर हमारा अगूठा होता है तथा हमारी उंगलियां उसके button पर रखना होता है। screen पर pointer को घुमाने के लिए अंगूठा से उस गेंद को घुमाया जाता है। ट्रैकबॉल(Trackball) को mouse की तरह घूमने की आवश्यकता नही होती है इसलिए यह अपेक्षाकृत कम जगह घेरता है। इसलिये इसका प्रयोग Laptop,Mobile जैसे छोटे Device में किया जाता है।
(3) Joystick
यह computer में game खेलने के लिए मुख्य input device के रूप में होते है इसमे मॉनिटर स्क्रीन पर cursor या किसी object को चारों दिशाओं में move करने के लिए stick लगा होता है इसलिए इसे joystick कहते हैं। इसके stick आधार पर लगी होती है जिसमे stick के साथ आधार पर समकोण में चार button लगे होते हैं (जिसे नीचे दिए figure से समझ सकते हैं) जो उसके movement की दिशा को detect करते हैं और उसके अनुसार processing unite को संकेत भेजते हैं और Processing यूनिट के द्वारा उसी movement के अनुसार object या cursor को move किया जाता है।
इसके हैंडल पर अतिरिक्त button भी लगे होते हैं जिसका उपयोग command देने के लिए किया जाता है। इसका प्रयोग बच्चें द्वारा प्रायः Computer पर games खेलने के लिए किया जाता है। क्योंकि यह बच्चे को computer सीखने का आसन तरीका है। वैसे तो Computer के सारे खेल key-board द्वारा खेले जा सकते हैं परंतु कुछ खेल तेज गति से खेले जाते हैं उन खेलो में बच्चे अपने आप सुविधाजनक महसूस नही करते हैं इसलिए Joystick का प्रयोग किया जाता है। इसमे एक हैंडल (Stick) होए है जिसे जिस दिशा में घुमाया जाय screen में पर्देशित object भी उसी दिशा में घूम जाता है।
(4) Light Pen
Light pen का size एक साधारण paper पर लिखे जाने वाले pen के समान हो हित है जिसके screen पर सीधे ही किसी आकृति को बनाया या लिखा जा सकता है और यदि screen पर कोई आकृति पहले से ही बनी हो तो Light pen की सहायता से उसमें editing भी की जा सकती है। Light Pen को styles भी कहा जाता है। Light Pen का प्रयोग computer screen पर कोई चित्र या graphics बनाने में किया जाता है।
लाइट पेन में एक प्रकाश संवेदनशील कलम की तरह एक युक्ति होती है। जिसका प्रयोग screen पर ऑब्जेक्ट के चयन के लिए होता है। light pen की सहायता से बनाया गया कोई भी graphics पर store किया जा सकता है तथा आवश्यकता के अनुसार इसमे सुधार किया जा सकता है। इसका प्रयोग समान्यतः Palmtop Computers जैसे- smart phone, tablet, PDA आदि में किया जाता है।
(5) Touch Screen
इस इनपुट डिवाइस का भविष्य में बहुत ही अच्छा है क्योंकि यह display screen को input/output दोंनो प्रकार से उपयोग के लायक बनाता है इस Input device के द्वारा हम screen पर प्रदर्शित command को अपनी उंगली से छूकर दे सकते हैं। वर्तमान में अधिकाश ATM machine इसी तकनीक के आधार पर ही कार्य करते हैं और smart phone जिसका उपयोग लगभग हर वर्ग के लोग करते हैं वह भी पूर्ण रूप से Touch Screen तकनीक पर ही कार्य करती है। इसमें एक संवेदनशील Display होती है जिसकी सहायता से User किसी Pointing Device की वजह अपनी अंगुलियों के प्रयोग कर screen पर menu या किसी Object का चयन करता है।
किसी User को Computer की बहुत अधिक जानकारी न हो तो भी इसे सरलता से प्रयोग किया जक सकता है। जब भी हम अपनी उंगली से Touch Screen के किसी भाग पर click करते हैं तो इससे signal उत्पन्न होता है जो Processing के लिए चला जाता है। Smart Phone, Tablet, PDA आदि में Touchscreen का प्रयोग किया जाता है। साथ ही इसका प्रयोग आजकल Railway station, Airport, Hospital, Shopping Mall, ATM इत्यादि में होने लगा है।
(6) Digitizing Tablet
Digitizing Tablet को Graphics Tablet भी कहा जाता है। यह एक ऐसे Input Device है जिसे Computer में Drawing या Graphics बनाने के लिए सहायक होता है। इसमें भी एक Touch Screen वाला Electronic Display होता है जिसमे स्टाइल्स की सहायता से कुछ भी Draw किया जाता है यह कार्य हमारे द्वारा ही संभव होता है। हम बाद में हमारे द्वारा बनाए गए Drawing को Computer की Memory में Digital रूप में save कर लेते हैं। Digitizing Tablet में कुछ Button भी होते हैं जिनका प्रयोग विभिन्न कार्यो को करने के लिए किया जाता है। कुछ Digitizing Tablet में Track ball भी होता है।
Scanning Input Devices क्या हैं?
स्कैनर(Scanner) एक Input Device है यह किसी भी page पर बनी आकृति या लिखित information को सीधे-सीधे Computer में इनपुट करा सकते है। इस प्रकार कहा जा हैं कि scanner एक ऐसे प्रक्रिया है जिसमें Document का सीधे ही Hardcopy-to-Softcopy Conversion होता है। आजकल PC के लिए अनेक प्रकार के Scanner उपलब्ध है जिनमें से कुछ महत्वपूर्ण Scanner निम्न प्रकार से है:
(1) Image Scanner
इमेज स्कैनर(Image scanner) सर्वाधिक प्रचलित Scanner है जिनका उपयोग अधिक होता है जिसका प्रयोग School, Collage, Office सभी जगह किया जाता है। यह एक सामान्य प्रकार का scanner है जो प्रिंटर दिखाई पड़ता है जो कागज पर लिखी निर्देशों या चित्र को scan कर उसका image file बनाता है और Computer की Memory में save करता है। इसमे एक समतल सतह होता है जिसके ऊपर स्कैन किए जाने वाले Document को रखा जाता है।
हम Image Scanner के द्वारा बनाए गए image पर आसानी से editing भी कर सकते हैं वर्तमान में बहुत प्रकार के Image Scanner उपलब्ध है जिनका Resolution 300 DPI से प्रारंभ होता है। यहॉ Resolution से तात्पर्य scanner द्वारा scan किए गए Document के Quality से है। scanner का Resolution जितना अधिक होगा Quality भी उतना ही बढ़िया होगा।
(2) OCR
Optical Character Recognition अथवा OCR एक ऐसी तकनीक है जिनका प्रयोग कागज पर बने किसी विशेष प्रकार के चिन्ह, अक्षर या नंबर को scan करने के लिए किया जाता है। OCR Document के चिन्ह एवं अक्षरों को Text के रूप में scan करता है जो आगे की processing के लिए data का कार्य करता है। OCR उपकरण Typewriter से छपे हुए Character, cache register के character और credit card के character को पढ़ लेता है। OCR इन Character को scan करने के लिए कागज पर प्रकाश डालता है जिससे कागज का dark area प्रकाश को अवशोषित कर लेता है और light area प्रकाश को परिवर्तित लड़ता है।
OCR इन्ही परावर्तित प्रकाश को प्राप्त कर कागज पर लिखे अक्षरों को text में परिवर्तित करता है। OCR विशेष प्रकार के Font वाले अक्षरों को ही scan करता है जिन्हें OCR Standard कहते हैं जो Computer में पहले से ही संग्रहित रहते हैं।
(3) MICR
Magnetic Ink Character Recognition व्यापार रूप से banking में प्रयोग होने वाला scanner है जहाँ लोगी को चेक की बड़ी संख्या के साथ काम करना होता है। इसे संक्षेप में MICR कहा जाता है। MICR का प्रयोग चुम्बकीय स्याही (Magnetic Ink) से छपे Character को scan करने के लिए किया जाता है। यह मशीन चेक पर लिखे गए चुम्बकीय स्याही वाले अक्षरों को scan करता है। यह भी OCR की तरह ही विशेष प्रकार के Font वाले अक्षरों को ही scan करता है जिन्हें MIC standard कहते हैं जो Computer में पहले से ही संग्रहित रहते हैं।
MICR बहुत तेज व स्वचालित होता है साथ ही यह मशीन बहुत ही शुद्धता से कार्य करता है एवं इसमें गलतियां होने के अवसर बिल्कुल न के बराबर होते हैं इसलिए इसे bank से संबंधित दस्तावेज की Processing के लिए एक विश्वसनीय साधन मन जाता है।
(4) OMR
OMR या Optical Mark Reader एक ऐसे Device है जो किसी कागज पर पेंसिल या पेन के चिन्ह(Mark) की उपस्थिति और अनुपस्थिति को जांचता है। इसका प्रयोग किसी परीक्षा की Answer sheet को जांचने के लिए किया जाता है जिसमें Question और उनके चार विकल्प होते हैं। विद्यार्थियों के सही Answer पर पेन या पेंसिल से गोल चिन्ह बनाता है। बाद में OMR के द्वारा Answer Book पर प्रकाश डाला जाता है और परिवर्तित प्रकाश को जांचा जाता है। जहाँ चिन्ह उपस्थित नही होगी कागज के उस भाग से परिवर्तित प्रकाश की तीव्रता अधिक होगी।
इस प्रकार OMR यह पता कर लेता है कि विद्यार्थी ने किसी विकल्प पर Tick किया है और फिर उसे Computer के पास Processing करने के लिए भेजता है। Computer में सभी Question में सभी Answer से ही load होते हैं अतः Computer OMR से प्राप्त जानकारी को सही Answer से match करता है और विद्यार्थियों का जवाब सही होने पर अंक देता है।
(5) BCR
मुख्य रूप से bar code का उपयोग उपभोकताओ के पास पहुचने वाली वस्तुओं को एक पहचान-चिन्ह प्रदान करने के लिए किया जाता है जिसकी सहायता से उन वस्तुओं की गिनती या उस वस्तु से संबंधित जांच की जा सकती है। इसकी सहायता से library से निकलने वाली पुस्तकों, सुपर बाजार से निकलने वाले समान आदि की जांच और गिनती Computer की सहायता से की जा सकती है। जांच के लिए electronic pen या laser scanner की सहायता भी ली जा सकती है। Bar code उत्पाद(Products) से संबंधित texts सूचना को code में बदलने की एक सरल व सस्ती पद्धति है जिसे Bar Code Reader (BCR) द्वारा scan किया जाता है।
BAR का प्रयोग बड़े बड़े दुकानों एवं shopping mall में किया जाता है। समान्यतः bars तथा blanks की समांतर lines के समूह को कहते हैं। इसमे coding का प्रयोग करके उत्पाद से संबंधित data जैसे- नाम, कंपनी का नाम, कीमत आदि को संग्रहित किया जाता है। बाद में bar code में संग्रहित किए गए data को बार code reader के द्वारा पढ़ा जाता है जो bar code से data को computer में processing के लिए भेजता है। अंत मे computer BCR द्वारा प्राप्त डेटा के अनुसार बिल बनाता है।
Audio Visual Input Devices क्या हैं?
Audio-visual input device वे इनपुट डिवाइस है जो ध्वनि व दृश्य को computer में input करते हैं। जिनका प्रयोग Audio-Video Recording के लिए किया जाता है। इनकी सहायता से हम बोलकर भी input दे सकते हैं जिसे computer texts data में परिवर्तित कर लेता है। बोलकर इनपुट देने की इस तकनीक को voice Recognition भी कहते हैं।
(1) Microphone
Microphone एक audio(ध्वनि) Input Device है जिनकी सहायता से ध्वनि को computer में enter किया जा सकता है। Microphone एक ऐसे device है जो हमारी आवाज को digital data में बदलता है और स्टोर करके रखता है इसको माइक भी कहा जाता है। ये computer में एक input device की तरह इस्तेमाल होता है। इसकी मदद से हम अपने computer में audio data को दाल सकते हैं अर्थात audio को record करने के बाद save कर सकते हैं। साथ ही हम Voice Recognition का प्रयोग करके अपने Computer में type भी कर सकते हैं।
इसमे एक ऐसा यंत्र लगा रहता है जो हमारी आवाज को पहचानता है और उसी के आधार पर type करता है इसके लिए बस अपने Microphone को अपने Computer के साथ जोड़ना होता है और फिर माइक में जो हम टाइप करना चाहते हैं उसे बोलना होता है। इस तरह से type करने से हमारा समय बचता है लेकिन इसके लिए हमे उच्चारण बिल्कुल सही करना होता है नही तो गलत data input चला जाता है।
(2) Digital Camera
Digital camera एक audio-video input device है जिसकी सहायता से ध्वनि, दृश्य, फ़ोटो, चलचित्र(video) को Computer में enter किया जाता है। यह एक ऐसे device है जी किसी दृश्य को digital data में बदलता है। इसके माध्यम से हम Photo व Video को store करते समय उसे screen पर देख भी सकते हैं साथ ही साथ उसमें विभिन्न प्रभाव भी डाल सकते हैं।
वैसे तो digital camera का प्रयोग film उद्देश्य में सर्वाधिक होता है किंतु आज सामान्य जन भी इसके प्रयोग से अछूते नहीं है। आज प्रत्येक व्यक्ति के पास digital camera है। फिर चाहे वह अलग से खरीद गया हो या mobile, laptop के साथ उपलब्ध हो। Digital camera की कीमत पांच हजार से लाखों तक कि होती है।
Input Device क्या हैं? What is Input Device in Hindi
आपने क्या सीखा जानियें :
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Input Device क्या हैं?
- Introductions to Input Devices के बारे में जाना।
- Typing Input Device: Key-board.
- Pointing Input Device: Mouse, Trackball, Joystick, Light Pen, Touch Screen, Digitizing Tablet.
- Scanning Input Device: Image Scanner, OCR, MICR, OMR, BCR.
- Audio-Visual Input Device: Microphone, Digital Camera.
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