Output Device क्या हैं? Types of Output Device in Hindi
Output Device क्या हैं?
किये गए Data को Result के रूप में प्रदान करता है Output Device के
सहायता से Computer से प्राप्त परिणाम (Result) को प्राप्त करता है इन परिणाम को
प्रायः Display Device (screen) या Print के सहायता से User को प्रस्तुत करता है।
मुख्य रूप से Output के रूप में प्राप्त सूचनाएं या तो हमारे द्वारा screen पर
देख सकते हैं या Print से page पर Print किया जा सकता है या संगीत सुनने के लिए
Output के रूप में Speaker का उपयोग किया जा सकता है।
Output Device के प्रकार:
Output Device को मुख्यतः निम्नलिखित Category में विभाजित किया जा सकता
है:
- Softcopy Output Device
- Hardcopy Output Device
- Voice Output Device
Softcopy Output Devices क्या हैं?
वे डिवाइस जो आउटपुट को स्क्रीन पर प्रदर्शित करते है
Soft-copy Output Device कहलाते हैं। यह एक एसा आउटपुट होता है जो भौतिक
रूप से नहीं होता हैं। इसे हमारे द्वारा देखा व पढ़ा जा सकता है लेकिन हमारे
द्वारा स्पर्श नहीं किया जा सकता। Softcopy Output के अंतरर्गत आने वाले डिवाइस
मानीटर व प्रोजेक्टर होते है जो आउटपुट को स्क्रीन पर प्रदर्शित करते है
ये ये निम्न प्रकार से हो सकते हैं:
Softcopy Output Device के प्रकार:
(1) Monitor Output Device
प्रदर्शित करता है। इसे Visual Display Unit भी कहा जाता है। यह सर्वाधिक
प्रचलित Soft-copy Output device होता है। लगभग सभी computer के साथ monitor
लगे होते हैं। यह हमें Key-board के द्वारा input किए जा रहे data एवं
processing के परिणाम को दिखते रहता है।
में वर्गीकृत किया जाता है:
(a) Monochrome
यह शब्द दो शब्दों मोनो (Mono) अर्थात एकल तथा
क्रोम (chrome) अर्थात रंग (color) से मिलकर बना हैं। इसलिए इसे single color
Display कहते हैं। यह Monitor output को Black & white रूप में (Display)
करता है।
(b) Gray-scale
यह Monitor monochrome के समान ही होता है
परन्तु यह किसी भी तरह के display को Gray Shades में प्रदर्शित करता है।
इस प्रकार के monitor अधिकतर हैंडी कंप्यूटर जैसे कि laptop में प्रयोग किये
जाते हैं।
है। ऐसे monitor उच्च क्वालिटी में graphics को प्रदर्शित करने में सक्षम होते
हैं। computer memory की क्षमता के अनुसार ऐसे monitor 16 से लेकर 16 लाख तक के
रंगों में output प्रदर्शित करने की क्षमता रखते हैं।
भागों में बाटा जाता है:
(a) CTR (Cathode Ray Tube)
CTR एक बहुत ही प्रचलित Monitor होता
है जिसका मुख्य भाग एक cathode Ray Tube होता है। इसे electron gun भी कहा जाता
है। और साथ मे एक screen होता है जिसके पिछले हिस्से में फास्फोरस जैसे चमकने
वाले पदार्थ की कोटिंग होती हैं जो छोटे-छोटे भाग (Pixels) में मिलकर बानी होती
है। इसमें सूचनाओ को screen पर output के रूप में प्रदर्शित करने के लिए
electron gun के द्वारा electron beam छोड़ी जाती है जो फास्फोरस कोटिंग screen
से जाकर टकराती है electron beam फास्फोरस कोटिंग screen के जिस-जिस भाग पर
जाकर टकराती है वहा का Pixel चमकते लगता है जिसके फलस्वरूप screen पर output का
निर्माण होता है।
(b) Flat Panel Display (FPD)
FPD वर्तमान में सबसे प्रचलित
monitor है जिसमे CTR की तरह कोई tube नहीं होता है। LCD-Liquid Crystal
Display इस तरह के Monitor का एक उदाहरण है। इसमें एक समतल सतह पर तरल
क्रिस्टलीय पदार्थ होता है जो छोटे-छोटे भागो से मिलकर बनता है जिसे Pixel
कहते हैं। इन Pixel को चुम्बकीय प्रभाव से कतारबद्ध किया जाता है फिर इस पर
प्रकाश बीम छोड़ी जाती है जिससे परिणामस्वरूप छोटे-छोटे Pixel monitor screen
पर output का निर्माण करते हैं।
FPD Monitor CTR की तुलना में आकर एवं वजन में बहुत छोटा व हल्के होते हैं
इसलिए ये portable होता है। साथ ही ये ऊर्जा की बहुत कम खपत करते हैं और
हमारी आँखों के लिए भी बहुत अच्छे हैं। किन्तु आउटपुट की क्वालिटी के CRT के
मुकाबले कम होती है तथा ये बहुत महंगे भी होते हैं।
(2) Projector Output Device
Screen) या किसी दीवाल पर हमें Computer के screen पर हो रहे कार्यो को दिखता है।
जैसे हम Computer में MS Word या PowerPoint पर कोई कार्य कर रहे हो या कोई Movie
Computer में चला रहे हो तो Projector हमें उसे एक बड़ी Screen पर दिखता है। इस
प्रकार को Projection कहते हैं।
इसे हम कोई Example से समझते हैं तो सबसे अच्छा उदाहरण हम Cinema hall का ले सकते
हैं जिसमे इसकी सहायता से हम कोई भी Movie बड़ी Screen पर दिखाई देती है। साथ ही
साथ इसमे प्रयोग Projection के लिए और Class Room में किसी भी चीजो को समझने के
लिए किया जा सकता है। Projection मुख्यतः निम्नलिखित तीन प्रकार के होते हैं:
projection screen पर उसके अनुरूप image करता है। सभी video projection बहुत ही
तेज रोशनी का प्रयोग image को प्रदर्शित करने के लिए करते हैं। आज के समय मे
video Projection का उपयोग लगभग सभी जगहों पर होता है जैसे कि: Conference,
Classroom, Presentation, Training, Home Theater आदि में किया जाता है।
कर प्रदर्शित करता है जिसके कारण हमें देखने मे अच्छा लगता है। इसका उपयोग Cinema
hall में movie दिखाने के लिए बहुत अधिक उपयोग होता है।
प्रदर्शित किया जाता है लेकिन यह तकनीक पुरानी हो चुकी है। अभी के समय मे Video
Projection का उपयोग अधिक किया जाता है।
Hardcopy Output Device क्या हैं?
वे सभी device जो Output को पेपर में छापकर प्रदर्शित करता हो वे हार्डकॉपी
आउटपुट डिवाइस कहलाती है ये हार्डकॉपी आउटपुट डिवाइस एक प्रकार से भौतिक
रूप में होते हैं। अतः हमारे द्वारा इसे देखा जा सकता है, पढ़ा जा सकता है और
स्पर्श भी किया जा सकता है। Hardcopy Output देने वाले Device के अंतर्गत Printer
व Plotter आते है जो हमारे Output को Paper पर छापकर प्रदर्शित करते हैं इसे हम
निम्न प्रकारों के माध्यम से अच्छे से समझ सकते हैं:
Hardcopy Output Device के प्रकार:
(1) Printer Output Device
जानकारियो को पेपर पर छापकर प्रदर्शित करता है। Paper पर Output की यह प्रतिलिपि
ही Hardcopy Output कहलाती है। इस प्रकार हम कह सकते है Printer एक ऐसा Output
Device है जो softcopy को Hardcopy में परिवर्तित करने का कार्य करता है।
Printing तकनीक और कार्य के आधार पर Printer को निम्न दो श्रेणियों में बता जा
सकता है:
(A) Impact Printer
सहायता से कागज पर टकराने से होती है। इसमे Printing की विधि Typewriter के विधि
समान ही होती है। इसमे अंदर एक धातु का hammer या फिर Print Head लगा होता है जो
कागज पर रिबन टकराता है जिससे की परिणामस्वरूप कागज पर अक्षर (Character) Print
हो जाते हैं। लेकि इसमे Impact Printer में printing का कार्य मे हार्डवेयर
पार्ट्स के टकराने से होता है इस कारण ये बहुत शोर करते हैं यह Impact Printer
निम्नलिखित प्रकार से हो सकते हैं:
(a) Dot Matrix Printer
यह Dot Matrix Printer एक Impact Printer
होता है। यह एक बार मे एक अक्षर (Character) ही print कर सकता है। इस इस प्रकार
के printer के प्रिंट हेड में बहुत से पिनो का एक Matrix होता है। प्रत्येक Pin
के रिबन और पेपर पर स्पर्श से एक डॉट छप जाता है। अनेक डॉट मिलकर ही एक अक्षर
बनाते है। Print head में 7, 9, 14, 18 या पिनो का समूह होता है।
एक बार मे एक Column की पिने Print head से बाहर निकलकर Dots छापती है। जिसके
कारण ही अनेक चरणों मे ही एक अक्षर छपते है। Dot Matrix Printer की Printing की
गति 30 से 600 Character per second (CPS) की गति से होती है। Dot matrix Printer
से प्रिंटिंग करते समय बहुत शोर होता है तथा इसके साथ ही इसकी Print की Quality
दूसरे से बेहतर नही होती है।
(b) Daisy Wheel Printer
यह Daisy Wheel Printer भी Dot Matrix
Printer की तरह ही impact printer होती है जो एक अक्षर (character) ही पेपर पर
print कर सकता है। लेकिन यह Solid Font वाला Impact printer होता है। इसका नाम
डेज़ी व्हील इस कारण रखा गया है क्योंकि इसके Print head की आकृति एक फूल गुलबहार
अर्थात daisy से मिलती है। यह धीमी गति वाला प्रिंटर है लेकिन इसके प्रिंट की
Quality दूसरे प्रिंटर से बेहतर अच्छी होती है इस कारण इसका उपयोग पत्र छपने करने
हेतु लाया जाता है इस कारण यह लैटर क्वालिटी प्रिंटर कहलाता है।
इसके अंदर Print Head में चक्र या व्हील होता है जिसकी प्रत्येक spoke में एक-एक
कर अक्षर लगातार Soiled Font में उभरा हुआ होता है जिसके सहायता से ही पेपर पर
रिबन से हैंडल की सहायता से टकराने से अक्षर प्रिंट होते हैं। Daisy Wheel
Printer की Printing की गति 80 से 100 Character Per Second (CPH) होती है।
(c) Drum Printer
Drum Printer एक Impact प्रिंटर होता है जो
एक बार मे एक लाइन को पेपर पर Print कर सकता है। इस Printer में एक drum लगी होती
जो बहुत तेज घूमती है और इसके सतह में अक्षर उभरे हुए रहते हैं। एक band पर सभी
अक्षर एक समूह रहता है। ऐसे ही अनेक band सम्पूर्ण Dram पर बने हुए होते हैं
जिससे पेपर पर लाइन किसी भी स्थिति में character छापे जा सकते हैं।
Drum तेजी से धूमता रहता हैं और एक तेज गति का हैमर प्रत्येक Band के उचित
Character पर पेपर के विरुद्ध टकराता है और एक चक्कर पूरा होने पर एक लाइन छप
जाता है। Drum Printer बहुत ही तेजी से Print करता है इसकी गति 300 से 3000 Line
Per Minute (LPM) होती हैं।
chain कहा जाता है। chain में character छपे हुए होते हैं इसके प्रत्येक Link में
एक Character का Font होता है। इसमे प्रत्येक जहाँ पर प्रिंट होना है वह हैमर लगा
होता है जिसके कारण ही हैमर के पेपर पर टकराने से ही एक बार मे एक लाइन Print हो
जाते हैं। यह Printer बहुत तेज होता है इसकी छपने के गति 300 से 3000 Line Per
Minute (LPM) होती है।
होता है जैसे कि इसमें Chain के स्थान पर Steel का एक Print Band लगा होता है।
Band में Character छपे होते हैं जो प्रत्येक प्रिंट के पोजीशन पर hammer लगा
होता है जिसके सहायता से ही पेपर पर टकराकर एक बार मे एक लाइन प्रिंट करता है
Band Printer में बहुत तेजी प्रिंट होता है । इसकी Print करने की गति 300 से 3000
Line Per Minute होती है।
(B) Non-Impact Printer
Parts के पेपर पर टकराने से नही होती है। इसमें Printing के लिए विशेष प्रभाव
जैसे- लेज़र किरण, उष्मीय प्रभाव आदि का उपयोग होता है इस कारण ये printer किसी
प्रकार का शोर नही करता है। Non-Impact Printer में print की quality बहुत बेहतरी
होती है बाकी प्रिंटर से अच्छी होती है और साथ साथ गति भी बहुत तेज होती है। ये
एक बार मे एक पूरे page को Print कर सकता है। यह Non-Impact Printer निम्नलिखित
प्रकार से हो सकते हैं:
की बूंदों की सहायता से बौछार करके Character या graphic Print किये जा सकते हैं।
इसकी Quality बहुत अच्छी होती है क्योंकि इसमें अक्षर का निर्माण के Dots से
मिलकर होता है। इसमे रंगीन Inkjet Printer में स्याही के चार Nozzle होते हैं जो
लाल, पीला, नीला और काला होता है इसलिए इसलिए इसको CMYK printer भी कहा जाता है।
ये सभी रंग चारो मिलकर किसी रंग का निर्माण कर सकते हैं इसलिए इनका प्रयोग सभी
प्रकार के रंगीन प्रिंटर में किया जाता है।
सिद्धांत पर कार्य करता है। इस Printer में कार्ट्रिज (Cartridge) का उपयोग किया
जाता है जिसके अंदर सुखी स्याही टोनर (Ink Tonner) होता है और एक laser स्त्रोत
होता है जो कि यह laser किरण उत्पन्न करता है। Laser स्त्रोत से उत्पन्न लेज़र
किरण दर्पणों से परिवर्तित होकर ही फ़ोटो संवेदनशील आवेशित Drum पर गिरता
है।
जब भी यह drum घूमता है तो इसके आवेशित स्थान पर Tonner चिपक जाता है। इसके बाद
में यह tonner पेपर पर स्थानांतरित हो जाता है जिसके बाद हमारा Output कागज या
पेपर पर छप जाता है। ये हमे प्राप्त Output अस्थाई होते हैं जिसे प्राप्त print
को हम फिर चेंज नही कर सकते है इसे स्थाई रूप से कागज पर छपने के लिए कागज को एक
गर्म रोलर से गुजारा जाता हैं।
उष्मीय प्रभाव की सहायता से किया जाता है। इसके लिए दो तरह के तकनीक का उपयोग
किया जाता है एक Direct Thermal और दूसरा Thermal Transfer इन printing तकनीक का
उपयोग होता है। Direct Thermal तकनीक में बिजली के सहायता से गर्म किये पिन को
ताप संवेदी कागज या थर्मल कागज पर चढ़ाया जाता है।
गर्म होने के करण Thermal कागज की कोटिंग काली हो जाती है जिससे कारण ही अक्षर व
आकृति बनते जाते हैं। इसमें Printing का खर्चा दूसरे Printer के मुकाबले काफी कम
आता है लेकिन थर्मल पेपर गर्म रोशनी तथा पानी से प्रभावित होती है इस कारण Print
अक्षर व आकृति मिट जाती है या धुंधला हो जाती है।
(2) Plotter Output Device
उपयोग बड़े आकार के Drawing, Chart, Graph, Map आदि को प्रिंट रूप में प्राप्त
करने के लिए करते हैं और इसके सहायता से ही Banner व Poster को पिंट किये जाते
हैं। यह 3D प्रिंट करने क्षमता होती है। Plotter निम्न दो प्रकार की हो सकती है:
करके कागज पर चित्र या आकृति का निर्माण किया जाता है। इस Device में कागज
को एक drum के ऊपर में चढ़ा होता है जी धीरे धीरे खिसकती जाती है और Pen की सहायता
से print होती जाती है। यह एक प्रकार से मैकेनिकल कलाकार की तरह ही कार्य करता
है। कई Drum Pen Plotter में Fiber Tipped Pen का उपयोग किया जाता है।
अगर यदि उच्च Quality की आवश्यकता हो तो Technical Drafting Pen का उपयोग किया
जाता है। कई रंगीन प्लॉटर में चार या चार से अधिक Pen लगे होते हैं। Plotter एक
आकृति को Inch Per Second में Plot करता है अर्थात Inch Per Second में इसकी गति
को मापा जा सकता है।
पर छपाई के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं इसके लिए कागज को स्थिर अवस्था मे एक समतल
बेड या ट्रे में रखा जाता है। इसमें एक भुजा में Pen लगा होता है जो मोटर से कागज
पर ऊपर-नीचे और दायें-बाये पर घूमता जाता है और चित्र का निर्माण करता जाता
है।
Voice Output Device क्या हैं?
(1) Speaker Output Device
होता है। यह Computer के Hard Disk, CD, DVD इत्यादि में Save Audio से
Electronic Signal को लेता है और फिर उन्हें Audio में बदल देता है। आजकल
Multimedia और Game भी आज के समय मे बहुत प्रसिद्ध हो गए हैं तो उनके उपयोग में
speaker का बड़ा योगदान होता है।
हम Audio, Video, Games आदि का आनंद बिना speaker के नही लिया जा सकता। लेकिन
केवल speaker के होने से ही हमे इन सबका आनंद नही ले सकते इसके लिए और एक आवश्यक
Device Sound Card का अपने Computer में लगा होना भी जरूरी होता है। Sound Card
ही Computer में Store Media File को Electronic Signal में बदलता है जिसे
Speaker इनपुट लेकर आवाज के रूप में Output देता है।
(2) Headphone Output Device
नामों से जान सकते हैं। इसमे कान में लगाने हेतु Transducer का जोड़ा होता है और
जो कानों के पास ही दो छोटा speaker होता है। Transducer के जोड़े Media player से
electronic signal प्राप्त करती है तथा speaker उस signal को सुनाई देने वाले
ध्वनि तरंगों में बदलती हैं।
यह Portable होता है जिन्हें हम घर पर भी उपयोग कर सकते हैं किसी भी यात्रा के
दौरान लेजाया जा सकता है। इसका उपयोग Desktop, Laptop, Smartphone के साथ गाने
गुनने, गेम खेलने, वीडियो देखें आदि कार्यो के लिए किया जा सकता है। इसकी सहायता
से फ़ोन पर बात भी किया जा सकता है।
Output Device क्या हैं? [Types of Output Device in Hindi]
- Output Device क्या हैं?
- Softcopy Output Device क्या हैं?
- Softcopy Output Device के प्रकार: Monitor, Projector.
- Hardcopy Output Device क्या हैं?
- Hardcopy Output Device के प्रकार: Printer, Plotter
- Voice Output Device के प्रकार: Speaker, Headphone.