Booting Process क्या हैं? [System Boot in Hindi]

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Booting Process क्या हैं? [System Boot in Hindi]

Booting Process क्या हैं? 

जब computer का पावर ऑन किया जाता है जिसमे कुछ सेकण्ड की होने वाली process है जिसे booting process कहा जाता है। System के सही प्रकार से boot करने के लिए यह आवश्यक है कि उसके सभी hardware device सही प्रकार से कार्य कर रहे हो। System boot एक क्रिया है जिसे प्रत्येक processing unit को सबसे पहले करना होता है। यदि processing unit में प्रयोग BIOS और hardware सही प्रकार से कार्य कर रहे हैं, तो वह boot हो जाता है और operating system memory में load होना आरंभ हो जाता है।

Booting Process क्या हैं?

जब processing unit के power switch को on किया जाता है तो सबसे पहले mother board CPU को power देता है जिससे वह अन्य hardware को diagnosis (मूल्यांकन) कर सके। इसके पश्चात वह ROM BIOS को उसके अंतर्गत संग्रहित startup program को execute करने का निर्देश देता है। जिससे वह उसके अनुसार booting की प्रक्रिया आरंभ कर सके। ROM BIOS अंतर्गत संग्रहित program सबसे पहले POsT (Power On  Self Test) का कार्य करते हैं। इसके पश्चात एक ‘boot loader’ नामक program execute हो जाता है जिसका कार्य operating system और कुछ इसी प्रकार के अन्य system software को load करना होता है। POST का कार्य लगभग 10 सेकंड में हो जाता है परंतु operating system के load होने के समय अंतराल की गणना system के hardware configuration के आधार पर कर सकते हैं। सामान्यतः यह GUI operating system में लगभग 1 minute का होता है।

बूटिंग प्रोसेस जिसको हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर की सहायता से दिए कमांड के द्वारा शुरू किया जा सकता है जब सिस्टम को ऑन किया जाता है तो सभी installed software और hardware को चेक करता है और उसके साथ ही system को ऑन करने हेतु सभी फाइल्स को लोड भी करता है।

Operating System Loading / Booting प्रोसेस क्या है?

Computer को on करने पर सबसे पहले उसकी स्थायी memory RAM में उपस्थित BIOS (Basic Input Output System) IC के द्वारा सभी device की जांच की जाती है, इस प्रक्रिया को POST (Power on Self Test) कहते हैं। इसके बाद disk पर उपस्थित operating system, RAM (memory) में स्टोर हो जाता है साथ ही MS-DOS की मुख्य file का क्रियान्वयन हो जाता है ये फ़ाइलें निम्न है: command.com, IO. sys, ms dos.sys, himen.sys etc. अंत मे computer की screen पर ms dos prompt दिखाई देता है या windows open हो जाता है। इस प्रकार OS का computer में स्वतः ही memory में संग्रहित हो जाना, “Booting” कहलाता है।

Operating System Loading (Booting Process):

जिस disk में booting command.com, IO.sys and ms dos.sys फ़ाइलें संग्रहित होती है उसे Booting Disk कहा जाता है।

Booting Process कैसे कार्य करता है?

जैसे ही हम अपने computer का switch ऑन करते हैं ROM मेमोरी में स्टोर निर्देश (BIOS) अपने आप execute हो जाते हैं। ये निर्देश Operating System को External Storage Device (Hard Disk) से Internal Memory (RAM) में लोड करने में सहायक करते हैं। Operating System को Disk से RAM में load करना ही Booting Process कहलाता है। इसके पूरी सफलतापूर्वक पूरा हो जाने पर मॉनिटर में display आना चालू हो जाता है और हमें computer का Desktop दिखायी देता है। ऊपर में दिए गए चित्र से बूटिंग प्रोसेस को समझा जा सकता है।

Types of Booting [Booting के प्रकार]:

(1). Cold Boot 

यह तब होता है जब हम अपने कंप्यूटर को Shut Down फुंक्शन का उपयोग कर जब हम अपने कंप्यूटर को पूरी तरीके से बंद कर देते हैं और फिर उसके बाद चालू करते हैं। इसके दौरान कंप्यूटर अपने हार्डवेयर पर सेल्फ टेस्ट run करता है और उपयोग करने हेतु तैयार होने से पहले उसके operating system को load करता है।

(2). Warm Boot

यह तब होता है जब हम अपने कंप्यूटर को के Restart फंक्शन का उपयोग करते हैं जो हमारे कंप्यूटर को पूरी तरह से बंद नही करता है। इसे आसान शब्दो मे कहे तो जब हम अपने कंप्यूटर को restart करते हैं, तो हम सिस्टम के warm boot कर रहे होते हैं। हम Start menu के अंतर्गत Restart बटन पर क्लिक करने के बाद भी warm boot कर सकते हैं और इसके कुछ समय बाद हमारा सिस्टम वापस प्रारंभिक अवस्था मे आ जाता है। यह warm boot पहले ऑन अवस्था मे रहता है।
हमने क्या क्या सीखा?
  1. Booting Process क्या है ?
  2. Operating System Loading / Booting प्रोसेस क्या है?
  3. Booting Process कैसे कार्य करता है?
  4. Types of Booting [Booting के प्रकार]: Cold boot, Warm boot.

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