Virtual Memory क्या है? [Virtual Memory in Hindi]
Virtual Memory क्या है?
Physical memory में कार्य किया जाता है उस समय दो समस्या आती है पहला इसमें memory की सुरक्षा कमजोर होती है दो program में एक साथ memory के बड़े भाग को उपयोग कर रहे होते हैं तो उन दोनों को यह ज्ञात नही होता कि कौन सा program memory के किस भाग का उपयोग हो रहा है ऐसे में यदि दोनों एक ही भाग का उपयोग करते हैं तो इससे error आने या over right होने की संभावना होती है।
दूसरी समस्या जब memory में एक क्रम में जानकारियों को संग्रहित करने में होती है क्योंकि दोनों program जब physical memory में जानकारियों को संग्रहित करते हैं तो यह ज्ञात नही होता कि किस program को कितनी memory की आवश्यकता होगी, ऐसे में दोनों एक के बाद एक memory space का उपयोग करते हैं जिससे दोनों के data एक क्रम में संग्रहित नही हो पाते इसे निम्न प्रकार से समझा जा सकता है:
यहाँ programs और file के बीच काफी खाली जगह (free space) होती है। यदि इन परिस्थितियों में अगर data को access करने की आवश्यकता होती है तो free space की वजह से उन्हें access करने में अधिक समय लगेगा। इससे program की processing speed में काफी delay हो सकता है। इस प्रकार की समस्या के समाधान के लिए Virtual Memory का उपयोग किया जाता है।
Use of Virtual Memory (वर्चुअल मेमोरी के उपयोग ):
यह एक विशेष memory addressing तकनीक है जो हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों के उपयोग करने से बनती है। इसमें physical memory को इस प्रकार set किया जाता है जिससे कि वह contiguous memory की तरह कार्य करे। Virtual memory को समझने के लिए निम्न तत्वों के विषय जानकारी होना आवश्यक होता है:
Virtual Address space:
इसे short form में VAS कहते हैं, यह Physical memory का उपयोग प्रत्येक program के द्वारा अलग-अलग किया जा सके, इसके लिए तैयार किया गया एक programming तकनीक है। इसे address space programs कहते हैं। इस address space program के होने से programmers को physical memory का इस्तेमाल करने में सुविधा प्राप्त होती है। इसमें प्रत्येक program के लिए एक अलग से address space होता है।
Memory Management Unit:
इसे short form में MMU कहाँ जाता है या इसे paged Memory Management Unit (PMMU) भी कहा जाता है इसका कार्य virtual memory address को memory address में बदलना हैं जिसका उपयोग memory controller के द्वारा किया जाता है। इस memory controller का कार्य memory address को physical memory location में बदलना होता है।
Implementation of Virtual Memory:
समान्यतः Virtual Memory को demand paging के द्वारा implement किया जाता है। Demand paging, RAM में संग्रहित data होता है जो वर्तमान में hard-disk का एक भाग में रखा होता है जिसे virtual memory कहते हैं। यह प्रकार का swapping तकनीक है।
Demand padding, paging system की तरह ही है फर्क केवल दोनों के कार्यप्रणाली में होता है जब आपको processing करना होता है। यह processing के समय physical memory के data को swap करके virtual memory में लाता है। सभी प्रक्रिया को memory में ले जाने की अपेक्षा अलसी swapper का उपयोग करें जिसे pager के नाम से जानते हैं।
इसके कार्य को निम्न diagram की सहायता से समझ सकते हैं:
उपरोक्त चित्र में जब process swap in होता है तो pager या निर्धारित करता है कि किस process को पहले किया जाये, और उसी के अनुसार pager process को swap out करता है।
Page Replacement:
Demand paging system में memory pages को जल्दी से secondary memory में load कर दिया जाता है परंतु जब disk full हो जाता है या memory में कोई समस्या आ जाती है तो process को लगातार चलाए रखने के लिए अनावश्यक page को memory से swapped out कर दिया जाता है।
Page replacement में एक विशेष तकनीक का उपयोग किया जाता है जिसमें operating system यह निर्धारित करता है कि किस page को memory से swapped out करना है जिसका आधार memory page का आकार होता है। इसमें operating system यह तय करता है कि जिन memory pages को replace करना है उसका size अधिक नही होना चाहिए। इस replacement तकनीक के लिए एक algorithm तैयार किया जाता है जिसे page-replacement algorithm कहा जाता है।
Virtual Memory क्या है? [Virtual Memory in Hindi]
Memory क्या हैं?
यह इनपुट डिवाइस की सहायता से प्राप्त निर्देश को कंप्युटर में स्टोर करके रखने का कार्य यह मेमोरी का होता है इसे कंप्युटर की याद्दाश भी कह सकते है। इसे दुसरे शब्दो में कहे तो वह स्थान जहा सभी सूचनाओं या निर्देंशो को आकडों के रूप में क्रम से संग्रहीत करके रखा जाता है Memory कहलाता हैं। जिस प्रकार मानव के पास कुछ बातों को याद रखने हेतु उनके पास मष्तिस्क होती है, उसी प्रकार से मेमोरी भी होती हैं। यह CPU का अभिन्न अंग होती है, यह एक प्रकार से संग्राहक उपकरण हैं।
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