Generation of Computer in Hindi [कंप्यूटर की विभिन्न पीढ़िया]

Generation of Computer in Hindi 


History and Generation of Computer:


Computer
का इतिहास लगभग 3000 वर्ष पुराना है। जब चीन में एक गणना करने वाली मशीन
Abacus का अविष्कार हुआ था। यह एक Mechanical Device है जो आज भी अनेक देशों में
छोटे बच्चों को गणित सीखने के काम मे आता है। Computer के इतिहास में 19 वी
शताब्दी को प्राम्भिक समय का स्वर्णिम युग माना जाता है। अंग्रेज गणितज्ञ Charles
Babbage ने एक यांत्रिक गणना मशीन (Mechanical Calculation Machine) विकसित किया।
उस मशीन का नाम difference Engine रखा गया। 

इसके बाद सन 1833 में Charles Babbage
ने Difference Engine का विकसित रूप Analytical Engine तैयार किया जो बहुत ही
शक्तिशाली मशीन था।  बैवेज का कंप्यूटर ले विकास में बहुत बड़ा योगदान रहा
हैं। बैवेज का एनालिटिकल इंजिन आधुनिक कंप्यूटर का आधार बना और यही कारण है कि
Charles Babbage को कंप्यूटर विज्ञान ल जनक कहा जाता हैं।

History and Generation of Computer

Computer Generation in Hindi 

यह माना जाता है कि Computer का विकास 1946 से आरंभ हुआ, उस समय के कंप्यूटर में
मुख्य components के रूप में vacuum tubes का उपयोग किया जाता था। जिसमे लगभग
1800 vacuum tubes प्रयोग किये गये थे, जिससे उसका आकार बहुत ही बड़ा था।
धीरे-धीरे विकास चलता रहा है और आज का modern computer हमारे सामने है जो
microchips पर आधारित है एवं जिसका आकार इसके पूर्व के generation के कंप्यूटर से
काफी छोटा है। इसके electronic components में हुए परिवर्तन के आधार पर कंप्यूटर
को निम्न 5 generation में बाटे गये हैं।

सन 1946 में प्रथम इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, वैक्यूम टयूब (Vacuum Tube) युक्त ENIAC
कंप्यूटर की शुरुआत ने कंप्यूटर के विकास को एक आधार प्रदान किया कंप्यूटर के
विकास के इस क्रम में कई महत्वपूर्ण डिवाइस की सहायता से कंप्यूटर ने आज तक कि
यात्रा तय की। इस विकास के क्रम को हम कंप्यूटर में हुए मुख्य परिवर्तन के आधार
पर निम्नलिखित पांच पीढ़ियों में बाटते हैं:-

First Generation of Computer (1946-1956)

Computer के प्रथम पीढ़ी की शुरुआत सन 1946 में एकर्ट और मुचली कर एनिएक
(ENIAC-Electronic Numerical Integrator And Computer) नामक कंप्यूटर के निर्माण
से हुआ था। इस पीढ़ी के कम्प्यूटरों में वैक्यूम टयूब का प्रयोग किया जाता था। 

इस
पीढ़ी में एनिएक के अलावा और भी कई अन्य कंप्यूटरों का निर्माण हुआ जिनके नाम
एडसैक (EDSAC- Electronic Delay Strong Automatic Calculator), एडवैक (EDVAC-
Electronic Discrete Variable Automatic Computer), यूनिवैक (UNIVAC- Universal
Automatic Computer), एवं यूनिवैक – 1 (UNIVAC – 1) हैं। 

प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर
आकार में बहुत बड़े होते थे। इनकी speed बहुत ही Slow होती थी और मेमोरी भी कम
होती थी । इसी कारण इन कंप्यूटर में data को स्टोर करके नही रखा जा सकता था। इन
कंप्यूटर की कीमत बहुत अधिक होने के कारण ये कंप्यूटर आम जनता की पहुच से दूर थे।
इनका प्रयोग केवल वैज्ञानिक कार्यो के लिए ही होता था।

First Generation of Computer (1946-1956)

प्रथम पीढ़ी के कम्प्यूटरों की विशेषताएं:

  • वैक्युम टयूब का प्रयोग होता था।
  • पंचकार्ड पर आधारित होता था।
  • संग्रहण के लिए मैग्नेटिक ड्रम का प्रयोग होता था।
  • बहुत ही नाजुक और काम विश्वसनीय होता था।
  • बहुत सारे एयर-कंडीशनरों का प्रयोग होता था।
  • मशीन तथा असेम्बली भाषाओं में प्रोग्रामिंग होता था।

Second Generation of Computer (1956-1964)

Computer को प्रथम पीढ़ी के बाद सन 1956 में computer की द्वितीय पीढ़ी की शुरुआत
हुई इन कंप्यूटर में Vacuum tube (वैक्युम टयूब) के स्थान पर ट्रांजिस्टर का
उपयोग किया जाने लगा। ट्रांज़िस्टर के उपयोग ने कंप्यूटेरो को वैक्यूम ट्यूबों के
अपेक्षाकृत अधिक गति एवं विश्वसनीयता प्रदान की। 

Transistor के आने के बाद
computer के आकार में भी सुधार आया। द्वितीय पीढ़ी के कंप्यूटर प्रथम पीढ़ी के
कंप्यूटर के आकार में छोटे हो गए।

Second Generation of Computer (1956-1964)

द्वितीय पीढ़ी के कम्प्यूटरों की विशेषताएं:

  • वैक्यूम टयूब के बदले ट्रांज़िस्टर का उपयोग होने लगा।
  • अपेक्षाकृत छोटा एवं ऊर्जा की कम खपत होने लगी।
  • अधिक तेज एवं विश्वसनीय।
  • प्रथम पीढ़ी की अपेक्षा कम खर्चीले।
  • COBOL एवं FORTRAN जैसी उच्चस्तरीय प्रोग्रामिंग भाषाओं का विकास।
  • संग्रह डिवाइस, प्रिंटर एवं ऑपरेटिंग सिस्टम आदि का प्रयोग।

Third Generation of Computer (1964-1971)

कंप्यूटरों की तृतीय पीढ़ी की शुरुआत 1964 में हुई। इस पीढ़ी ने कंप्यूटरों को IC
(Integrated Circuit) प्रदान किया। इस पीढ़ी के कंप्यूटरों में ICL 2903, ICL
1900, UNIVAC 1108 और System 1360 प्रमुख थे।

Third Generation of Computer (1964-1971)

तृतीय पीढ़ी के कम्प्यूटरों की विशेषताएं:

  • एकीकृत सर्किट (Integrated Circuit) का प्रयोग।
  • प्रथम एवं द्वितीय पीढ़ियों की अपेक्षा एवं वजन बहुत कम।
  • अधिक विश्वसनीय।
  • पोर्टेबल एवं आसान रख-रखाव।
  • उच्चस्तरीय भाषाओं का बृहद स्तर पर प्रयोग।

Fourth Generation of Computer (1971-1985)

Computer की चतुर्थ पीढ़ी की शुरुआत सन 1971 से हुई। सन 1971 से लेकर 1985 तक के
कंप्यूटरों को चतुर्थ पीढ़ी के कंप्यूटरों की श्रेणी में रखा गया हैं। इस पीढ़ी में
IC (Integrated Circuit) को और अधिक विकसित किया गया जिसे विशाल एकीकृत सर्किट
(Large Integrated Circuit) कहा जाता हैं। एक Integrated Circuit लगभग 300000
ट्रांज़िस्टरो के बराबर कार्य कर सकता हैं। इस अविष्कार से पिरि सेंट्रल
प्रोसेसिंग यूनिट एक छोटी सी चिप में आ गयीं जिसे माइक्रो प्रोसेसिंग कहा जाता
हैं। 

इसके उपयोग वाले कंप्यूटरों को माइक्रो कंप्यूटर कहा गया। चतुर्थ पीढ़ी के
आने से कंप्यूटर के युग मे एक नई क्रांति आई। इन कंप्यूटर का आकार बहुत हो छोटा
हो गया और मेमोरी बहुत अधिक बढ़ गई। आकर छोटा होने से इन कंप्यूटर का रख रखाव बहुत
आसान हो गया इसी के साथ इनकी कीमत इतनी कम हो गई कि आम जनता इन कंप्यूटर को आसानी
से खरीद सकती थी।

Fourth Generation of Computer (1971-1985)

चतुर्थ पीढ़ी के पहले Micro Computer ALTAIR 8800 पर हावर्ड विश्वविद्यालय के एक
स्टूडेंट बिल गेट्स ने Basic Language की स्थापना की इस सफलता के बाद बिल गेट्स
ने Microsoft कंपनी की स्थापना की जो कि पुर संसार के software निर्माण की सबसे
बड़ी company है। इस कारण से बिट गेट्स को संसार भर के कंप्यूटर का स्वामी कहा
जाता हैं।

चतुर्थ पीढ़ी के कम्प्यूटरों की विशेषताएं:

  • अतिविशाल स्तरीय एकीकरण (Very Large Scale Integration) तकनीक का उपयोग।
  • आकार में अद्धभुत कमी।
  • साधारण आदमी की क्रय-क्षमता के अंदर।
  • अधिक प्रभावशाली, विश्वनीयता एव अद्धभुत गतिमान।
  • अधिक मेमोरी क्षमता।
  • कंप्यूटरों के विभिन्न नेटवर्क का विकास।

Fifth Generation of Computer (1985 – Present Date)

कंप्यूटर की पांचवी पीढ़ी की शुरुआत 1985 से हुई। 1985 से अब तक के कंप्यूटर पाचवी
पीढ़ी के अंतर्गत आते हैं। कंप्यूटरों की पांचवी पीढ़ी में वर्तमान के शक्तिशाली
एवं उच्च तकनीक वाले कंप्यूटर से लेकर भविष्य में आने वाले कंप्यूटरों तक को
शामिल किया गया हैं। इस पीढ़ी के कंप्यूटरों में Ultra Large Scale Integrated
Circuit (ULSI) का प्रयोग किया गया है। 

साथ ही कंप्यूटरों में कंप्यूटर वैज्ञानिक
कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence) को समाहित करने के लिए प्रयासरत
हैं। आज के कंप्यूटर इतने उन्नत है कि वे हर विशिष्ट क्षेत्र, मूल रूप से
अकाउंटिंग, इंजीनियरिंग, भवन-निर्माण, अंतरिक्ष, नेटवर्किंग व संचार तथा दूसरे
प्रकार के शोध-कार्य मे उपयोग किये जा रहे हैं।

Fifth Generation of Computer (1985 - Present Date)

पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटरों के लक्षण:

कंप्यूटरों के विभिन्न आकार (Different Size of Computer):

आवश्यकता के अनुसार कंप्यूटर के आकार और संरचना को तैयार किया जाता है। आज
विभिन्न मॉडलो-डेस्क टॉप (Desk Top), लैप टॉप (Lap Top), पाम टॉप (Palm Top) आदि
में कंप्यूटर उपलब्ध हैं सुपर कंप्यूटर का निर्माण।

इंटरनेट (Internet):

यह Computer का एक अंतर्राष्ट्रीय संजाल
(Network) हैं। दुनिया भर के कंप्यूटर नेटवर्क इंटरनेट से जुड़े होते हैं। और इस
तरह लहम कहीं से भी, घर बैठे – अपने स्वास्थ्य, चिकित्सा, विज्ञान कला एवं
संस्कृति आदि लगभग सभी विषयों पर विविध सामाग्री इंटरनेट पर प्राप्त कर सकते हैं।

मल्टीमीडिया (Multimedia): 

ध्वनि (Sound), दृश्य (Graphic) या
चित्र और पाठ (Text), के सम्मिलित रूप से मल्टीमीडिया का इस पीढ़ी में विकास हुआ
है।

नये अनुप्रयोग (New Application icon):

कंप्यूटर की तकनीक अतिविकसित होने के कारण इसके अनुप्रयोग यथा फ़िल्म-निर्माण,
यातायात-नियंत्रण, उधोग, व्यापार एवं शोध आदि के क्षेत्र में।

सुपर कंप्यूटर (Super Computer):

Super Computer सबसे शक्तिशाली कंप्यूटर होते हैं। ये सर्वाधिक क्षमता व
गति वाले होते हैं साथ ये आकर में बहुत बड़े व बहुत महंगे होते हैं। इसमें हजारो
CPU समांतर क्रम में लगे होते हैं तथा हजारो व्यक्ति एक साथ कार्य कर सकते हैं।
Super Computer का प्रयोग बड़े वैज्ञानिक और शोध प्रयोगशालाओं में शोध कार्यों
के लिए होता है। और अंतरिक्ष यात्रा के लिए अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष मे
भेजना, मौसम की भविष्यवाणी करना, उच्च गुणवत्ता वाले Animation वाले चित्रों का
निर्माण करना। इन सभी कार्यो में की जाने वाली गणना व प्रक्रिया जटिल व
उच्चकोटि की शुद्धता वाली होती है जिन्हें केवल Super Computer ही कर सकता है।
दुनिया का सबसे पहला Computer, Cray XMP था। वर्तमान में दुनिया का Sunway
taihulight सबसे शक्तिशाली Super Computer है जिसे चीन द्वारा निर्माण
था। 

हमनें क्या-क्या सीखा जानें:

  • History and Generation of Computer:
  • First Generation of Computer:
  • First Generation कंप्यूटर की विशेषताएं:
  • Second Generation of Computer:
  •  Second Generation के कंप्यूटर की विशेषताएं:
  • Third Generation of Computer:
  • Third Generation के कंप्यूटर की विशेषताएं:
  • Fourth Generation of Computer:
  • Fourth Generation के कंप्यूटर की विशेषताएं:
  • Fifth Generation of Computer:
  • Fifth Generation के कंप्यूटर के लक्षण: कंप्यूटरों के विभिन्न
    आकार, सुपर कंप्यूटर, इंटरनेट, नये अनुप्रयोग।

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