Cyber laws क्या है? [Cyber laws in Hindi]

Cyber laws क्या है? [Cyber laws in India in Hindi]

Cyber laws क्या है?

वर्तमान युग computer एवं internet का है जिस प्रकार computer के उपयोगकर्ताओं की संख्या बढ़ रही है उसी प्रकार computer से internet प्रयोग करने वालों की संख्या बढ़ रही है और इसके साथ ही cyber crime भी बढ़ रहा है। Internet के माध्यम से धोखाधड़ी, जालसाजी, चोरी और शरारत इत्यादि घटनाएं दिन प्रतिदिन बढ़ रही है जिसे cyber crime के नाम से जानते हैं। इसे रोकने के लिए भारत में cyber law बनाए गए हैं।

पहला computer law 1970 में बनाया गया, जिसे ‘Data Protection Act 1970’ नाम दिया गया। यह कानून data की सुरक्षा के लिए तो था लेकिन इससे internet के माध्यम से होने वाली अन्य crime जैसे aunauthorized user द्वारा धोखे से online किसी के account से पैसे निकालना, credit card का नंबर प्राप्त कर लेना online किसी के विषय में गलत प्रचार करना इत्यादि को crime की श्रेणी में लाने के लिए 17 अक्टूबर 2000 को भारतीय संसद ने ‘Information Technology Act. 2020’ बिल पास किया। इस बिल के पास हो जाने के बाद e-commerce, e-governance, e-banking इत्यादि में किए गए धोखाधड़ी अपराध की श्रेणी में आते हैं जिसमें अर्थदंड एवं सजा का प्रावधान है।

Cyber laws क्या है?

Information Technology Act, 2000:

इसे IT Act.  2000 भी कहा जाता है। इस act को वर्ष 2000 के अधिनियम 21 के रूप में पारित किया गया था जिसे 9 जून 2000 को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई और 17 अक्टूबर 2000 को इसे पूरे भारत के लिए प्रभावी बनाया गया था। यह अधिनियम electronic लेनदेन को कानूनी मान्यता प्रदान करने के लिए तैयार किया गया था। इसे electronic data interchange और electronic संचार को बढ़ावा देने के लिए तैयार किया गया था। यह सरकारी संचार और सूचना जो कागज पर होते थे उन्हें electronic रूप में रखने का कार्य करता है।

इस Act में कुल 94 section में है जो 13 chapter और 4 schedule में बटा हुआ है। इस Act में India Panel Code के section, 1960, India Evidence Act 1982, Banker Books Evidence Act, 1991 और Reserve Bank of India Act, 1934 सम्मिलित है। इस Act के नियम भारत के निवास करने वाले सभी व्यक्ति पर लागू होता है साथ ही भारत से संबंधित cyber crime की श्रेणी में आने वाले बाहरी व्यक्ति पर भी लागू होता है।

e-commerce:

यह electronic commerce शब्द का संक्षिप्त रूप है जिसका हिंदी अर्थ है इलेक्ट्रॉनिक व्यवसाय होता है।वर्तमान युग में इस प्रकार व्यवसाय को लोग बहुत ही पसंद कर रहे हैं जिसकी मुख्य वजह उन्हें घर बैठे दुनिया में उपलब्ध सभी प्रकार के समान का उचित दाम पर प्राप्त हो जाना है। हम चाहे सामान खरीद रहे हैं भेज रहे हैं या उसे एक्सचेंज कर रहे हैं सभी में कार्यों को हम इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से कर सकते हैं और इसे ही हम ई-कॉमर्स कहते हैं कहते हैं। E-commerce को प्रयोग के आधार पर निम्न चार categories मे विभाजित किया जा सकता है:

  • Business to Customer (B2C)
  • Business to Government (B2C)
  • Business to Business (B2B)
  • Customer to Customer (C2C)

E-commerce के द्वारा उक्त कार्यो को करने के निम्न लाभ है:

(a) Business oriented:

e-commeree के आ जाने से ही online shoing का संभव हुआ है इससे हम घर बैठे किसी भी वस्तु को खरीदे एवं बेच सकते हैं। इसे electronic business कहते हैं यह भी e-commerce की देन है। यह मुख्य रूप से व्यापार पर आधारित होता है चाहे वह बिक्री का कार्य हो या खरीदने का याद सामान को बदलने का सभी पर ही e-bussiness उपयोगी है। ई-कॉमर्स के आ जाने से व्यवसाय के क्षेत्र में विस्तार हुआ है। इससे व्यवसाय को वेबसाइट के माध्यम से पूरी दुनिया में पहुंचाया जा सकता है।

(b) Suitable service:

किसी भी वस्तु की खरीद एवं बिक्री के लिए ई-कॉमर्स बहुत बड़ा क्षेत्र उपलब्ध कराता है। इतने कस्टमर को कोई वस्तु जो उससे क्षेत्र में उपलब्ध नहीं है उसके विषय में जानकारी उसे घर बैठे ई-कॉमर्स के माध्यम से मिल सकती है एवं उसे आसानी से या प्राप्त कर सकता है।

(c) Online safety:

वर्तमान में ई-कॉमर्स के लिए सबसे बड़ा खतरा fraud, illegal entries, wiretapping एवं virus है। इसलिए यह आवश्यक है ई-कॉमर्स में पूर्ण रूप से Online सुरक्षा दिया गया हो। वर्तमान में Online सुरक्षा के लिए अनेक उपाय मौजूद थे। जैसे कि data को encrypt करके भेजा जाए, digital signature का प्रयोग हो firewall प्रयोग किया गया हो, antivirus का प्रयोग किया जा रहा हो एवं secure www server का प्रयोग किया गया हो।

(d) Coordination:

ई-कॉमर्स का मुख्य उद्देश्य उपभोक्ता व्यापार व्यवसाय निर्माता वितरक व्यवसाय साझेदार एवं कर्मचारियों को एक मंच पर लाना होता है इसके द्वारा उपभोक्ता e-mail या अन्य माध्यम से वितरित या निर्माता से सीधे संपर्क कर सकता है। उक्त सभी पॉइंट से हम समझ सकते हैं कि वर्तमान में ई-कॉमर्स हमारे लिए कितना उपयोगी है वर्तमान में ऑनलाइन शॉपिंग, ऑनलाइन बैंकिंग, ऑनलाइन बिल पेमेंट, ऑनलाइन फंड ट्रांसफर इत्यादि का बहुत समय पहले प्रयोग हो रहा है एवं निकट भविष्य में ई-कॉमर्स से ही व्यक्ति के अधिकांश कार्य सहज तरीके से हो जाएगा।

e-governance:

वर्तमान युग इंटरनेट का हो गया इसलिए सरकार भी अपने सभी डॉक्यूमेंट को इलेक्ट्रॉनिक रूप में रखना एवं इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से संचार करना चाहती है। जिसकी मुख्य वजह वजह कार्य की गति है। पेपर में डॉक्यूमेंट को रखने एवं उसके जांच में काफी समय लगता है। जैसे यदि हम किसी विशेष डायरी के डॉक्यूमेंट को देखना चाहते हैं तो उसे हजारों लाखों के बीच ढूढ़ना काफी कठिन कार्य है परंतु उसे इलेक्ट्रॉनिक रूप में रखे जाने पर कंप्यूटर की मदद से फौरन ही तलाश किया जा सकता है। इसलिए सरकार के लिए इलेक्ट्रॉनिक गवर्नमेंट बहुत ही आवश्यक होता है इसकी निम्न लाभ है:

(1) Speed:
इसके कार्य तीव्र गति से होते हैं क्योंकि Fax, Phone, Cell, phone एवं internet  के माध्यम से सरकारी कार्य में तीव्रता आती है सरकार किसी भी सरकारी कार्य जैसे कोई नया project के विषय में चर्चा के लिए व्यक्ति या कर्मचारी से चीजें जोड़कर तुरंत जानकारी प्राप्त कर सकती है।

(2) Tranparency:

वर्तमान में सरकार इस बात पर बहुत जोर दे रही है कि उसका कार्य transparent  तरीके से हो,  आम एवं खास सभी प्रकार के लोगों को goverment के कार्य के विषय में पूर्ण जानकारी हो।  उसके द्वारा किए जाने वाले कार्य के विषय में जानकारी इंटरनेट पर उपलब्ध है। सभी लोगों को goverment द्वारा वर्तमान में चलाए जाने वाले सभी प्रोजेक्ट के विषय में पूर्ण जानकारी हो जैसे किसी प्रोजेक्ट पर किस प्रकार कार्य किया जा रहा है उसमें कितनी राशि खर्च की जाने वाली है इत्यादि।

(3) Low cost:

पूर्व में document  को रखने के लिए stationary (paper, pen, marker, whitner etc.), Printer इत्यादि की आवश्यकता होती थी जो काफी महंगा होता था। साथ ही उन्हें एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजने में भी काफी खर्च हो जाते थे। यदि इन्हीं कार्यों को electronic माध्यम से किया जाए जैसे document को computer के memory मैं रखा जाए एवं इन्हें लाने यहां ले जाने के लिए Internet, Pen drive इत्यादि माध्यम का प्रयोग किया जाए तो काफी राशि बचा जा सकता है।

(3) Accountability:

सरकार के द्वारा किए जा रहे हैं प्रत्येक कार्य को यदि public तक पहुंचाया गया है तो उसके विषय में सरकार की जवाबदेही भी बनती है। सरकार को आम जनता को यह बताना आवश्यक है कि वह किस प्रकार कार्य कर रही है और यदि कोई कार्य नहीं कर रही है तो क्यों नहीं कर रही है? इस प्रकार की जानकारियों को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से चीजें public तक पहुंचाया जा सकता है।

Disadvantage of e-governance:
e-governance टीजीटी में लाभ है उतने ही उसके नुकसान भी हैं जैसे:

  • इलेक्ट्रॉनिक रूप से लोग सरकार से तब जुड़ सकते हैं। जब वे Educated हो इसलिए लोगों का अनपढ़ होना सरकार के लिए एक बहुत बड़ा चैलेंज है।
  • किसी भी इलेक्ट्रॉनिक डाटा का सबसे बड़ा नुकसान उसके hack हो जाने का होता है। e-governance  मैं प्रत्येक भारतीय नागरिक से संबंधित गोपनीय जानकारी जैसे उसकाउसका adhar card no., voter id, driving licence  इत्यादि को रखा जाता है। यदि यह गलत व्यक्ति के हाथ लग जाता है तो वह उसका दुरुपयोग भी कर सकता है।
  • डिजिटल रूप में डाटा रखने पर एक अन्य नुकसान या है कि कई बार सरकार किसी व्यक्ति से संबंधित जानकारियों को गलती से किसी अन्य व्यक्ति को स्थानांतरित कर देता है।

Concept of cyber contravention and cyber offences:

जिस प्रकार computer एवं internet का प्रयोग बढ़ रहा है इसी के साथ cyber अपराधों की संख्या भी बढ़ रही है। cyber crime में भी उसी प्रकार crime होता है जैसे साधारण रूप में होता है। जैसे चोरी, धोखाधड़ी, जालसाजी,  ब्लैक मेलिंग इत्यादि क्राइम होते हैं वैसे ही यदि क्राइम को कंप्यूटर के माध्यम से किया जाता है तो वह cyber crime की श्रेणी में आता है।

Internet की शुरुआत से cyber crime भी शुरु हो गया। क्योंकि internet से जानकारी भेजना आसान कार्य होता है इसलिए लोग किसी भी गोपनीय जानकारियों को hack कर लेते हैं। computer में data को रखना सस्ता एवं आसान होता है क्योंकि छोटे से जगह में बहुत अधिक जानकारियों को रखा जा सकता है और उसे आसानी से स्थानांतरित किया जा सकता है। computer में data रखने पर एक अन्य लाभ या हानि की आवश्यकता पड़ने पर उसकी अनेक प्रतियां एक क्लिक से बनाई जा सकती है। इसलिए वर्तमान में लोग कंप्यूटर में अपनी गोपनीय जानकारियों को रखना में इंटरनेट के माध्यम से उसे किसी को भेजने का कार्य कर रहे हैं। 

जब इंटरनेट के माध्यम से जानकारी को भेजा जाता है तो वह किसी न किसी server स्थानांतरित होता है जहां से उसे किसी अन्य व्यक्ति को प्राप्त करना आसान हो जाता है। इसलिए डाटा के संरक्षण के लिए कानून की आवश्यकता होती है। किसी व्यक्ति के द्वारा स्वतंत्रता से internet का प्रयोग किया जा सके इसके लिए लगभग सभी देशों में अनेक कानून बनाए गए हैं भारत में भी IT act 2000 तैयार किया गया है जिसके अमल से आने के बाद से निम्न cyber गतिविधियां cyber crime की श्रेणी में आते हैं।

  • Computer का अनाधिक्रित तरीके से उपयोग।
  • Computer system या network system की चोरी
  • Hacking
  • Logic bombs
  • Virus या worm से attack
  • गुप्त रूप से किसी व्यक्ति के गोपनीय जानकारियों को hack कर लेना।
  • Data को खराब कर देना।

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